एकाग्रता पर हिंदी कहानी



बहुत समय पहले एक नगर के राजा ने एक प्रतियोगिता (Contest) आयोजित करवायी। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए राजा ने पूरी दुनिया के धनुर्धरों (Bowmen) को आमंत्रित किया। दुनिया में सभी जगहों से आये हुए सभी धनुर्धर एक बहुत बड़े मैदान में एकत्रित हो गए। सभी लोग इस बात को लेकर उत्सुक (Eager) थे कि इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए क्या लक्ष्य दिया जायेगा? इस बात पर सभी लोग चर्चा कर ही रहे थे तभी राजा वहां आया और बोला, “आप सभी लोगों का स्वागत (Welcome) है। एक गेंद जो नीचे से ऊपर आसमान में फेंकी जाएगी, आप सभी का लक्ष्य यह गेंद है। आप लोगों में से जो भी धनुर्धर इस गेंद पर सबसे पहले निशाना लगाएगा, वही विजेता (Winner) घोषित किया जायेगा।” कुछ देर रुकने के बाद राजा फिर बोला, “इस प्रतियोगिता (Competition) की शर्त यह है कि हमारे बहुत से सैनिक घोड़ों पर सवार होकर पूरे मैदान में भाग रहे होंगे और एक दूसरे पर तीर चला रहे होंगे। आप लोगों को इन्ही सैनिकों के बीच खड़े होकर अपने Target यानि गेंद पर निशाना लगाना होगा। क्या आप सभी तैयार हैं?” वहां खड़े सभी धनुर्धरों ने एक साथ “हाँ” कहा। वहां खड़े लोग आपस में बात कर रहे थे कि इतने कठिन लक्ष्य को कैसे भेदा जायेगा जबकि आसपास बहुत से सैनिक अपने घोड़ों को लिए हुए दौड़ रहे होंगे और एक दूसरे पर तीर चला रहे होंगे?

                                                      

 तभी एक घंटा बजता है और प्रतियोगिता शुरू हो जाती है। अब सभी का ध्यान मैदान की तरफ हो जाता है। पूरे मैदान में घोड़े दौड़ना शुरू हो जाते हैं और उन पर बैठे सैनिक एक दूसरे पर तीर चलाने लगते हैं। तभी एक व्यक्ति बीच मैदान में जाता है जिसके हाथ में लाल रंग की एक गेंद (Ball) होती है। वह उस गेंद को ऊपर आसमान में बहुत बल लगाकर फेंक देता है। तभी अधिकतर धनुर्धर अपना-अपना तीर गेंद की ओर चला देते हैं जबकि कुछ के तीर चलाने से पहले ही गेंद नीचे आ जाती है। नीचे लौटकर आयी गेंद पर क�


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